hanuman chalisa No Further a Mystery

व्याख्या — गोस्वामी श्री तुलसीदास जी की ‘कवितावली’ में ‘अमित जीवन फल’ का वर्णन इस प्रकार है –

होत न आज्ञा बिनु पैसारे ॥२१॥ सब सुख लहै तुह्मारी सरना ।

व्याख्या – श्री हनुमान जी को जन्म से ही आठों सिद्धियाँ प्राप्त थीं। वे जितना ऊँचा चाहें उड़ सकते थे, जितना छोटा या बड़ा शरीर बनाना चाहें बना सकते थे तथा मनुष्य रूप अथवा वानर रूप धारण करने की उनमें क्षमता थी।

Each time Rama's weapon killed Ravana, quickly Ravana rose once more. Wibisana, Ravana's sister who sided with Rama promptly questioned Hanoman to assist. Hanoman also lifted Mount Ungaran to fall in addition to Ravana's corpse when Ravana had just died on the arms of Rama to the umpteenth time. Looking at Hanuman's impudence, Rama also punished him to protect Ravana's grave. Rama believes that Ravana continues to be alive beneath the crush on the mountain, and Anytime can release his spirit to wreak havoc on this planet.

In the hands, glow a mace and also a flag of righteousness. A sacred thread adorns Your ideal shoulder.

Ultimately, Rama discovered his divine powers given that the incarnation of your God Vishnu, and slew Ravana and the remainder of the demon army. Finally, Rama returned to his dwelling of Ayodhya to return to his position as king. After blessing all individuals that aided him from the fight with gifts, Rama gave Hanuman his reward, which Hanuman threw away.

सप्तैतान् संस्मरेन्नित्यं मार्कण्डेयमथाष्टमम्।

भावार्थ – वीर हनुमान जी का निरन्तर जप करने से वे रोगों का नाश करते हैं तथा सभी पीड़ाओं का हरण करते हैं।

व्याख्या – कोई औषधि सिद्ध करने के बाद ही रसायन बन पाती है। उसके सिद्धि की पुनः आवश्यकता नहीं पड़ती, तत्काल उपयोग में लायी जा सकती है और फलदायक सिद्ध हो सकती है। अतः रामनाम रसायन हो चुका है, इसकी सिद्धि की कोई आवश्यकता नहीं है। सेवन करने से सद्यः फल प्राप्त होगा।

Now verified as a true devotee, Rama cured him and blessed him with immortality, but Hanuman refused this and requested only for a location at Rama's feet to worship him.

[one hundred forty five] He's depicted as carrying a crown on his head and armor. He is depicted as an albino with a strong character, open mouth, and in some cases is shown carrying a trident.

You would be the repository of learning, virtuous and thoroughly completed, normally keen to execute the behests of Shri Ram.

यहाँ हनुमान जी के स्वरूप की तुलना सागर से की गयी। सागर की दो विशेषताएँ हैं – एक तो सागर से भण्डार का तात्पर्य है और दूसरा सभी वस्तुओं की उसमें परिसमाप्ति होती है। श्री हनुमन्तलाल जी भी ज्ञान के भण्डार हैं और इनमें समस्त गुण समाहित हैं। किसी विशिष्ट व्यक्ति का ही जय–जयकार किया जाता है। श्री हनुमान जी ज्ञानियों में अग्रगण्य, सकल गुणों के निधान तथा तीनों लोकों को प्रकाशित करने वाले हैं, अतः यहाँ उनका जय–जयकार किया गया है।

भावार्थ– more info आपने अत्यन्त लघु रूप धारण कर के माता सीता जी को दिखाया और अत्यन्त विकराल रूप धारण कर लंका नगरी को जलाया।

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